कुरान समीक्षा : खुदा जमीन पर उतर कर आया

खुदा जमीन पर उतर कर आया

खुदा पहले शायद पलंग पर लेटा होगा, फिर उठकर बैठ गया फिर ऊपर से उतर कर नीचे जमीन पर आया।

इससे क्या यह स्पष्ट नहीं है कि वह खुदा हाजिर नाजिर अर्थात् सर्वव्यापक नहीं है। वह आसमान में रहता है और सैर करने कभी-कभी जमीन पर चला आता है और फिर वापस चला जाता है?

ज् मिर्रतिन फस्तवा………।।

(कुरान मजीद पारा २७ सूरा नज्म रूकू १ आयत ६)

(खुदा) जो जोरावर है। फिर सीधा बैठा।

व हु-व बिल्-उफुकिल्-अअ्……….।।

(कुरान मजीद पारा २७ सूरा नज्म रूकू १ आयत ७)

और वह आसमान ऊँचे किनारे पर था।

सुम्-म दना फ-त-दल्ला……….।।

(कुरान मजीद पारा २७ सूरा नज्म रूकू १ आयत ८)

फिर वह नजदीक हुआ और करीब आ गया।

फका-न का-ब कौसैनि औ…………।।

(कुरान मजीद पारा २७ सूरा नज्म रूकू १ आयत ९)

फिर दो कमान के बराबर या उससे भी कम फर्क रह गया।

फऔहा इला अब्दिही मा औहा……..।।

(कुरान मजीद पारा २७ सूरा नज्म रूकू १ आयत १०)

उस वक्त खुदा ने फिर अपने बन्दे ( मुहम्मद) पर हुक्म भेजा।

समीक्षा

खुदा को हाजिर नाजिर (सर्वव्यापक) इस्लाम साबित नहीं कर सकता है।

उसका अरबी खुदा आसमान पर रहता है, वहीं से आता जाता है यह ऊपर के प्रमाण से स्पष्ट है सर्वव्यापक का आना जाना बन ही नहीं सकता है।

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