खुदा ने जुल्म करने को ही जालिम पैदा किये
जब बदमाश जुल्म करने के लिये ही जालिम खुदा ने पैदा किये और वे जो भी गुन्डागर्दी करते हैं वह खुदा के हुक्म से करते हैं तब फिर सारे कुरान के कायदे कानून और सजायें आदि वाली आयतें क्या लोगों को धोखा देने के लिए लिखी गयी है?
‘‘खुदा फसाद को पसन्द नहीं करता’’ यह बात कुरान पारा २० सूरे कसस रूकू १८ आयत ७७ में खुदा ने बिल्कुल गलत कहा है कि ‘‘वह फसाद को पसन्द नहीं करता है।’’ जिस कुरान में इस तरह की परस्पर विरोधी बातें लिखी हैं भला उसे खुदाई बताना खुदा का अपमान करना क्यों नहीं माना जावें?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
व कजालि-क ज- अल्ना फी…………।।
(कुरान मजीद पारा ८ सूरा अन्आम रूकू १५ आयत १२३)
और इसी तरह हमने हर बस्ती में बड़े-बड़े अपराधी पैदा किये ताकि वहाँ फसाद करते रहें और जो फसाद करते हैं अपनी ही जानों के लिये करते हैं और नहीं समझते।
समीक्षा
जबकि हर बस्ती में फसादी खुदा ने केवल इसीलिये पैदा किये हैं कि वे फसाद करते रहें तो वे खुदा के हुक्म का पालन करेंगे ही। उस हालत में जो कुछ भी बदमाशी वे करेंगे उसकी पूरी जिम्मेदारी खुदा पर ही होगी। उनको दोषी बताना खुदा की बेअक्ली की ही बात है। वे खुदा की मर्जी के खिलाफ नही जा सकते हैं।