काफिरों को दोस्त मत बनाओ
क्या संसार में अशान्ति कुरान की इसी शिक्षा का परिणाम नहीं है? क्या प्रजा में घृणा फैलाने वाली किताब भी खुदाई हो सकती है?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
या अय्युहल्लजी-न आमून ला………..।।
(कुरान मजीद पारा ५ सूरा निसा रूकू १८ आयत १४४)
अय ईमान वालो! तुम ईमान वालों को छोड़कर काफिरों का दोस्त मत बनाओ। क्या तुम जाहिर खुदा का अपराध अपने ऊपर लेना चाहते हो।
समीक्षा
मुसलमान यदि काफिरों अर्थात् गैर मुस्लिमों से इतनी घृणा करने लगेंगे और वे उनका विश्वास नहीं करेंगे, तो इसका परिणाम यह होगा कि उसकी प्रतिक्रिया वश दूसरे लोग भी मुसलमानों से घृणा करने लगेंगे और वे उनका विश्वास नहीं करेंगे।
कुरान हिन्दू मुसलमानों में हमेशा घृणा व दोष के बीज बोता रहा है। सावधान! मुसलमानों और हिन्दुओं ! कुरान की इस जहरीली आयज से होशियार रहो, कुरान की शिक्षा मुल्क के अनम ओ-चैन में जबर्दस्त बाधक है।