गैर मुस्लिमों से जिहाद का हुक्म
क्या इससे साबित नहीं है कि कुरान फिसाद फैलाने वाली पुस्तक है? दुनियां में लडाई झगड़े कराना ही क्या कुरान का उद्देश्य नहीं था जिसमें ऐसी-ऐसी फिसादी आयतें हदी हुई हैं।
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
या अय्युहन्नबिय्यु जाहिदिल्………….।।
(कुरान मजीद पारा २८ सूरा तह्रीम रूकू २ आयत ९)
ऐ पैगम्बर काफिरों और मुनाफिकों से जिहाद कर और उन पर सख्ती कर, उनका ठिकाना तो नरक है और वह बुरी जगह है।
समीक्षा
संसार को किसी मजहबी किताब में अपने से भिन्न विचारधारा रखने वालों से लड़ने उन पर जुल्म करने का उपदेश नहीं मिलेगा बल्कि सभी के साथ प्रेम शान्ति से रहने के उपदेश मिलेंगे।
किन्तु दूसरों पर जुल्म करने की जहरीली आज्ञायें केवल कुरान में मिलेंगी। कुरान विश्व शान्ति का खुला शत्रु है इस आयत से साफ जाहिर है।