चिड़ियों ने फौज को मार डाला
यह आयतें हास्यास्पद क्यों न मानी जावें? क्या उस वक्त के आदमी चीटी, मच्छर और मक्खी जैसे होते थे जो ४-६ रत्ती की कंकड़ियों से ही मर जाते थे?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
अ-लम् त-र कै-फ फ-अ-ल रब्बु……….।।
(कुरान मजीद पारा ३० सूरा फील रूकू १ आयत १)
(ऐ पैगम्बर) क्या तूने नहीं देखा कि तेरे परवर्दिगार ने हाथी वालों के साथ कैसा बर्ताव किया?
अ-लम् यज्-अल् कैदहुम् फी तज्ली………।।
(कुरान मजीद पारा ३० सूरा फील रूकू १ आयत २)
क्या उनका दाव गलत नहीं किया?
व अ्रस-ल अलैहिम् तैरन् अबाबील………।।
(कुरान मजीद पारा ३० सूरा फील रूकू १ आयत ३)
और उन पर झुण्ड के झुण्ड पक्षी भेजे।
तर्मीहिम् बिहिजा-रतिम्-मिन् सिज्जी…………।।
(कुरान मजीद पारा ३० सूरा फील रूकू १ आयत ४)
जो उन पर कंकड़ की पथरियां फेंकते थे।
फ-ज-अ-क-अस्फिम-मअ्……….।।
(कुरान मजीद पारा ३० सूरा फील रूकू १ आयत ५)
यहां तक कि उनको खाये हुए भूसे की तरह कर दिया।
समीक्षा
क्या यह सम्भव है कि चिड़ियों (अवावीलों) द्वारा चार-चार रत्ती की कंकड़ियाँ फेंकने से फौज और हाथी पिट-पिट कर मर कर भूसा बन गये हों?
एक चादर सर पर डाल लेने से भी तो किसी का कुछ न बिगड़ सकता था। क्या उस वक्त के आदमी मक्खी या चींटी जैसे होते थे?
बहुत अच्छा !
ऐसी आश्चर्यजनक बातें कुरान की आधारभूत ढांचा हैं जिनपर गप्पों के पुलिंदों का महल खड़ा किया गया हैं .
🙂
sach hai….hat Wo bat Jo likhi hue hai…aap ko mai sabot kar ke de sakate hu. #dharma_prakash ji
OUM/..
ARYAVAR, NAMASTE…
MAAFI CHAAHTAAHOON ARYAVAR, PADHKE MUJHE EK SATYA-GHATANAA PAR AADHAARIT KATHAA SMARAN HUI: ANGL-NEPAL KI NAALAAPAANI-YUDDH ME NEPALI YODDHAAON NE ANGREJI SENAA KI CHHAAUNI NAJDIK AUR RAASTE ME MADHU-MAKHKHI AUR TATAIYAA KI CHHATTEKO PATHTHAR MAARKE TODKE CHHUP GAYE, MADHU-MAKHKHI AUR TATAIYA KI JHUND SAB ANGREJI SENAA PAR TUT PADE, SAB SENA LADAAI SE PAHLE HI BHAAG GAE..
BAAD ME DHOKE SE AAKRAMAN KIYAA AUR NEPAL KO OH YUDDH HAARNAA PADAA THAA..LEKIN ANGREJI SENAA NE NEPAL KI YEH KAH KE SARAAHNAA KI THI KI NEPAL KE TO KIDE MAKORE BHI RAASHTRA VAADI HAI…
AISAA HI KUCHH THAA HOGAA CHIDION KI FAUJ BHI..
NAMASTE..