Category Archives: Islam

HADEES : GIFTS

GIFTS

Anything given as a gift or charity should not be taken back.  �Umar had donated a horse in the Path of Allah (i.e., for jihAd).  He found that the horse was languishing in the hands of the recipient, who was very poor, and considered buying it back.  �Don�t buy it back. . . . for he who gets back the charity is like a dog which swallows its vomit,� Muhammad told him (3950).

author : ram swarup

हदीस : सट्टेबाजी मना

सट्टेबाजी मना

मुहम्मद सट्टे का निषेध करते हैं। ”वह जो अनाज खरीदता है, उसे तब तक नहीं बेचना चाहिए, जब तक कि अनाज उसके हाथ में न आ जायें“ (3640)। मुहम्मद के अपने जीवन काल में, जैसे-जैसे अरब पर उनका नियन्त्रण बढ़ता गया, वैसे-वैसे उनके आदेश राज्य की नीति बनते चले गये। सालिम बिन अबदुल्ला बतलाते हैं-”मैंने अल्लाह के पैग़म्बर की जिन्दगी के दौरान उन लोगों को पीटे जाते देखा जिन्होंने थोक खाद्यान्न खरीद लिया था और फिर उसे अपने ठिकानों पर ले जाये बिना वहीं पर बेच दिया था“ (3650)।

 

”वायदे के“ सौदों की भी इज़ाज़त मुहम्मद ने इसलिए नहीं दी कि उनमें सट्टे की प्रवृत्ति पाई जाती है। उन्होंने ”अगले सालों के लिए बेचना और पकने के पहले फलों को बेचना“ मना कर दिया (3714)। दस्तावेजों (संभवतः हुंडी अथवा बिल्टी) की मदद से किए जाने वाले सौदे भी गैरकानूनी करार दिये गये। इस आदेश का पालन पुलिस की मदद से किया जाता था। सुलैमान बतलाते हैं कि ”मैंने सन्तरियों केा लोगों से इस प्रकार की दस्तावेज छीनते देखा“ (3652)।

author : ram swarup

हदीस : व्यापारिक सौदे, विरासत, भेंट-उपहार, वसीयतें, प्रतिज्ञाएं और क़समें

व्यापारिक सौदे, विरासत, भेंट-उपहार, वसीयतें, प्रतिज्ञाएं और क़समें

नौंवी किताब ”व्यापारिक सौदों की किताब“ (अल-घुयु) हैं। स्मरणीय है कि पैग़म्बर बनने से पहले मुहम्मद एक सौदागर थे। इसलिए इस विषय पर उनके विचार दिलचस्प होने चाहिए।

author : ram swarup

HADEES : RIBA

RIBA

Muhammad also forbade ribA, which includes both usury and interest.  He �cursed the accepter of interest and its payer, and one who records it, and the two witnesses�; and he said: �They are all equal� (3881).

Though he forbade interest, Muhammad himself sent AbU Bakr to the QainuqA tribe of Medina with a message bidding them to �lend to God at good interest,� using the very words of the QurAn, �to lend to God a goodly loan� (5:12).  When they rebuffed him, their fate was sealed, and they were driven away from their homes.

author : ram swarup

हदीस : मुहम्मद के वंशजों के लिए सम्यक् पाठ्यसामग्री

मुहम्मद के वंशजों के लिए सम्यक् पाठ्यसामग्री

हम विवाह और तलाक की किताब को उसकी एक आखिरी हदीस का उद्धरण देकर समाप्त करते हैं। हदीस का विषय भिन्न है, पर दिलचस्प है। पैग़म्बर के दामाद अली कहते हैं-”वह जो मानता है कि (पैग़म्बर के परिवार के लोग) अल्लाह की किताब और सहीफा (एक छोटी पुस्तिका अथवा परचा जो उनकी तलवार की म्यान के साथ बंधा रहता था) के सिवाय कुछ और भी पढ़ते हैं, वह झूठ बोलता है। सहीफा में ऊंटों के युगों से संबंधित कुछ मसलों पर और नुक्सानों की क्षतिपूर्ति पर समाधान है और साथ ही इसमें पैग़म्बर के शब्द भी दर्ज हैं …… वह जो किसी नए आचार का प्रवर्तन करता है अथवा किसी प्रवर्तन करने वाले को सहायता देता है उस पर अल्लाह की ओर से और उनके फ़रिश्तों की ओर से और सारी मानवजाति की ओर से लानत है“ (3601)।

author : ram swarup

HADEES : BARTER DISAPPROVED

BARTER DISAPPROVED

In some matters, the Prophet was modern.  He disapproved of the barter system and in its place stood for money-exchange.  The collector of the revenues from Khaibar once brought Muhammad some fine dates.  Muhammad asked whether all the dates of Khaibar were of such fine quality.  The collector said: �No.  We got one sA [of fine dates] for two sAs [of inferior dates].� Muhammad disapprovingly replied: �Don�t do that; rather sell the inferior quality of dates for dirhams[money], and then buy the superior quality with the help of dirhams� (3870).

author : ram swarup

हदीस : गुलामी के अपने फायदे भी हैं

गुलामी के अपने फायदे भी हैं

कहने और करने की बातें अलग रहीं, गुलामी को कोई बड़ा अभिशाप नहीं माना गया। उस स्थिति के अपने फायदे हैं। ”जब एक गुलाम अपने मालिक का कल्याण चाहता है और अल्लाह की इबादत करता है तब उसके लिए दो इनाम तय हो जाते हैं“ (4097)।

author : ram swarup

HADEES : IMPROPER EARNINGS

IMPROPER EARNINGS

Muhammad also �forbade the charging of price of the dog, and earnings of a prostitute and sweets offered to a KAhin[soothsayer]� (3803).  He said that �the worst earning is the earning of a prostitute, the price of a dog and the earning of a cupper� (3805).

Muhammad had a great dislike for dogs.  He said: �It is your duty to kill the jet-black [dog] having two spots [on the eyes], for it is a devil� (3813).  �Abdullah, �Umar�s son, tells us that the Prophet �ordered to kill dogs, and he sent men to the corners of Medina that they should be killed. . . . and we did not spare any dog that we did not kill� (3810, 3811).  Later on, on representation, an exception was made in the case of dogs meant for hunting and for protecting the herds.  With the exception of these dogs, anyone who kept a dog �lost two qIrAt [the name of a measure] of reward every day� (3823).

Muhammad also forbade the sale of wine, carcasses, swine, and idols.  �May Allah the Exalted and Majestic destroy the Jews; when Allah forbade the use of fat of the carcass for them [see Leviticus 3:17], they melted it, and then sold it and made use of its price� (3840).

author : ram swarup

हदीस : अन्य असमर्थताएं

अन्य असमर्थताएं

आजाद हो जाने पर भी गुलाम अनेक असमर्थताओं का शिकार रहता है। वह किसी नए पक्ष के साथ मैत्री नहीं कर सकता। न ही वह भूतपूर्व स्वामी की अनुमति पाए बिना किसी पक्ष को मैत्री का प्रस्ताव पठा सकता है। ”जो कोई किसी गुलाम से उसके पहले के मालिक की स्वीकृति के बिना मैत्री करता है उस पर अल्लाह की और उसके फ़रिश्तों की और पूरी मानवजाति की ओर से लानत है“ (3600)।

author : ram swarup