आओ साथी बनाएँ भगवान को।
वही दूर करेगा अज्ञान को।।
कोई उसके समान नहीं है
और उससे महान नहीं है
सुख देता वो हर इंसान को।।
वह बिछोना वही ओढ़ना है
उसका आँचल नहीं छोड़ना है
ध्यान सबका है करुणा निधान को।।
दूर मंजिल कठिन रास्ते हैं
कोई साथी हो सब चाहते हैं
चुनें उससे महाबलवान को।।
सत्य श्री से सुसज्जित करेगा
सारे जग में प्रतिष्ठित करेगा
बस करते रहें गुणगान को।।
रूप ईश्वर के हम गीत गाए
दुर्व्यसन दुःख दुर्गुण मिटाएँ
तभी पाएँगे सुख की खान को।।
– गुधनीं, बदायुँ, उ.प्र.