आसमान का लपेटना तथा खुदा को सिज्दा करना
जिस वस्तु का कोई अस्तित्व ही नहीं है उसे कैसे लपेटा जा सकता है स्पष्ट करें?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
अ-लम् त-र अन्नल्लाह यस्जुदु…………।।
(कुरान मजीद पारा १७ सूरा हज्ज रूकू १ आयत १८)
जिस दिन हम आसमान को इस तरह लपेटेंगे जैसे तुमान में कागज लपेटते हैं।
समीक्षा
शून्य आकाश को कागज की तरह लपेटने की बात कहने वाला खुदा और और कुरान बनाने वाले विद्या की योग्यता कितनी थी? यह सभी समझ सकते हैं तथा सूरज, चाँद आदि सब खुदा को सिज्दा करते हैं? इसमें कितनी सच्चाई है? यह सर्व विदित है।
इस्लाम में आसमान कोई खाली जगह का नाम नहीं बल एक दायरे का नाम जमीन से पहले आसमान का दायरा 50000 वर्ष का है सात आसमान माने गये हैं
ye arth aapne kahan se liya hai?