क्या शिवलिंग सचमुच रेडियोएक्टिव है?

ओ३म्
शिवलिंग में रेडियोएक्टिव तत्व होता ?? भ्रम -संशयी आत्मा विनश्यन्ति ।! !! !!!

आजकल हिन्दु समाज के पोप जी ( हिन्दु पंडित ) और उनके चेलों ने यह कहना शुरू किया शिवलिंग में रेडियोएक्टिव तत्व होता है और इसलिए इस पर पानी चढ़ाया जाता है जिससे यह ठंडा रहे है बिस्फोट न हो । केवल यही नही इन पाखंडियो ने यह अफवाह भी फैला रखा है कि शिवलिंग पर चढ़ने वाला धतूरा, भांग आदि भी रेडियोएक्टिव तत्वों को अवशोषित करने वाला होता है !! पता नहीं इन हिन्दूओं को कब अक्ल आएगी कि ये जिसे भगवान कहकर पूजते है उसे नशीली चीजी खाने को देते है , ये कौन सी अक्लमन्दी का काम है | अगर नशीली चीजें भगवान को चढ़ाना धर्म है तो फिर अधर्म किसे कहा जाय ?

रेडियोएक्टिव रियेक्टर की सच्चाई :—

१. मै आपको यह बता दूँ रेडियोएक्टिव रियेक्टर को ठंडा करने के लिए हार्ड वाटर ( D2O ) का प्रयोग होता है न की साधारण जल, दुग्ध, भांगव धतूरे के पत्तों और फलों का । अगर भांग और धतूरे से रेडियोएक्टिव तत्व शान्त रह सकते है तो फिर विकरण प्रयोग में गोधन का प्रयोग क्यों होता है ???? अगर इन भाग और धतूरों से रेडियोएक्टिव तत्व शान्त हो सकते हैं तो भाभा परमाणु केन्द्र से लेकर सभी अनुशंधान केन्द्रों में रियेक्टर को ठंडा करने हेतू सरकार करोड़ों रूपये क्यों खर्च कर रही है ??

२. जब शिवलिंग मे रेडियोएक्टिव ऊर्जा है तो भारत सरकार को सबकुछ छोड़ शिवलिंग से ही पूरे भारत को ऊर्जा देना चाहिए जिससे कोई भी भारतवासी अंधेरे मे न रहे और विज्ञान की सुविधाओं का उपयोग कर सकें । इसमेंं तो सरकार का कुछ खर्च भी नही है प्रत्येक व्यक्ति अपने घर मे ही शिवालय बना लेगा | इससे सरकार को करोड़ों-अरबों का फायदा होगा क्योंकी विदेशों से यूरेनियम आदी को लाने मे जो खर्च है वह बन्द हो जायेगा क्योंकी ऊर्जा पूर्ति शिवलिंग से ही हो जायेगा । तब बिजली बनाने के लिए पवन चक्की, बाँध, परमाणु ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि के लिए सरकार को करोड़ों रूपये खर्च नही करना पड़ेगा हर हिन्दू अपने घर मे शिवलिंग बना ले उसी से ऊर्जी मिलती रहेगी ।

३. जब शिवलिंग मे रेडियोएक्टिव ऊर्जा है तो सरकार बेकार मे ही भारतीय वैज्ञानिकों के पीछे करोड़ों रूपये का खर्च कर रही है शिवलिंग से ही परमाणु बम , अणु बम , क्रुज मिसाईलस जैसे हथियार बन सकते है तो सरकार करोड़ो का व्यय क्यों कर रही है ??

४. अगर सच मे शिवलिंग मे रेडियोएक्टिव तत्व है तो सरकार को सबसे पहले प्रत्येक शिवालय पर विकरण रोधी यंत्रो को लगाना चाहिए और जब तक सम्पूर्ण देश मे यह यंत्र न लग जाय तब तक शिवालयों के आस पास भी किसी को भटकने न दिया जाय नही तो उक्त व्यक्ति को कैसर, नपुशंकता , बंध्यता , क्षय रोग ( टीवी ) आदि आदि जैसे गम्भीर रोगों का शिकार होना पड़ सकता है और केवल वह व्यक्ति ही नहीं बल्कि उसकी आगे आने वाली पिढ़ी विक्लांग ( लूला , लंगड़ा , बहरा , अपंग ) ही होती रहेगी । और अगर कोई हिन्दू शिव मन्दिर जाने के बाद भी किसी भी बिमारी का शिकार हो रहा है तो इसके जिम्मेदार शिवलिंग है अतः सरकार को तुरन्त सभी शिव मन्दिरो पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए ताकी कोई भी हिन्दू को नुकसान न पहुचे ।

५. ये हिन्दु कहते हैं शिवलिंग पर चढ़ाया जल नदी के साथ मिलकर औषधी बन जाता है तो पोपजी फिर डॉक्टर को पाँच सौ रूपये का शुल्क देकर हजार रूपये का दवा क्यों क्यो करते हो नदी का पानी ही पीकर अपना इलाज क्यों नहीं कर लेते हो ??

६. जब शिव नराज हो जायेंगे तो प्रलय आ जायेगा अरे पोपजी जब सोमनाथ का मंदिर सत्रह बार लूटा गया मुहम्ममद गोरी द्वारा तो तब शिव ने प्रलय क्यों नहीं किया ??? क्या गोरी कोई रिश्तेदार था ??

देखो भाईयो पोपजी के ऐसे ही बातों के कारण लाखों भारतीय मारे गये , करोड़ों बेटी बहनों का जीवन बर्बाद हुआ , करोड़ों भारतीय या तो मुस्लिम या ईसाई बन गये लेकिन महादेव ने अपना प्रकोप नही दिखाया और आज के देश की हालत आप देख ही रहे हो जहाँ आजम खान, बुखारी, सईद, अवौसी , जाकिर नाईक जैसे लोग रोजाना जिहाद करने और देश के ईस्लामीकरण को बखूबी अंजाम दे रहे हैं तो वही ईसाइयत संस्थाए धन और स्वर्ग का लालच देकर ईसाई करण ।आज हमारे देश का दक्षिणी भाग
( आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक , गोवा, तामिल नाड्डु ) और बिहार उ० प्र, प० बंगाल जैसे राज्यों का इस्लामी करण और ईसाई करण लगभग हो चुका है | लेकिन हमारे पोपजी के महादेव ने न ही अपनी त्रिनेत्र खोला और न ही प्रलय किया और न ही कल्कि अवतार हुआ |

अगर किसी पौराणिक स्वर्ग के दलाल और धर्म के ठेकेदार को बात बुरी लगी हो तो माफ करना लेकिन एक भी तर्क को मिथ्या और गलत साबित कर दिखाये | उठो जागो मेरे देश के आर्यों असत्य और पाखण्ड को त्याग कर सत्य को धारण करो क्योंकी आप मनुष्य हो आपके अन्दर बुद्धि विवेक और सोचने समझने की शक्ति है और तब तक न रूके जबतक पाखण्ड , अन्धविश्वास और अधर्मियों का नाश न हो जाए। एक महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती अकेले थे तो इतना बदलाव कर गए।आज तो उनके करोडों सिपाही हैं।

3 thoughts on “क्या शिवलिंग सचमुच रेडियोएक्टिव है?”

  1. Aapane bahut hi acchi vyakhya ki main aapki baat se purn roop se sahmat hun Bhagwan aapko aise hi aage badhane ki Prerna dete rahen aur aap hamesha aage aise hi badhate rahen aap aise hi sabhi ka margdarshan karte rahen meri parampita Parmatma se yahi prathna hai dhanyvad.

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