तस्तहिद्दा
मुहम्मद ने उन शब्दों का भी असरदार इस्तेमाल किया है जिन्हें साहित्य समीक्षा में अश्लील अभिव्यक्तियां कहते हैं। एक बार पैगम्बर और उनका दल, एक चढ़ाई से कुछ देर में वापस आये। उनके साथी तुरन्त अपने घरों को जाना चाहते थे। लेकिन पैगम्बर ने उनसे तब तक इन्तज़ार करने को कहा, जब तक कि ”औरत अपने बिखरे बालों को कंघी से संवाल ले और जिसका मर्द बाहर गया था वह अपने को साफ कर ले, ताकि जब तुम भीतर पहुंचो, तो तुम मज़ा ले सको“ (2462)
अनुवादक हमें समझाते हैं कि ”अपने को साफ करने“ के अर्थ में एक अरबी शब्द है ”तस्तहिद्दा,“ जिसका अक्षरशः अर्थ होता है ”गुप्तांगों के बाल साफ करना।“ लेकिन यहा उस शब्द को पति के साथ समागम के लिए तैयार हो जाने के लाक्षणिक अर्थ में प्रयुक्त किया गया है (टि0 1926)।
author : ram swarup