हदीस : तलाक

तलाक

तलाक का अक्षरशः अर्थ है “गांठ खोलना।“ लेकिन इस्लामी कानून में अब इनका मतलब है, कुछ शब्दों के उच्चारण द्वारा विवाह का विच्छेद।

 

शादी और तलाक के इस्लामी कानून खुद पैगम्बर की अपनी करनी और कथनी से उपजे हैं। शियाओं के अनुसार, पैगम्बर की बाईस बीवियां थीं, जिन में से दो बंधक औरतें थी। लेकिन वह संख्या सिर्फ उनके लिए ही विशेष दैवी विधान थी। दूसरे मोनियों की एक वक्त में चार से ज्यादा बीवियां नहीं होनी चाहिए। लेकिन किसी भी बीवी को तलाक द्वारा दूर करके उसकी जगह दूसरी को लाया जा सकता है। यह काम मुश्किल नहीं है। मर्द यदि तीन बार ”तलाक“ शब्द लगातार कह दे तो तलाक लागू हो जाता है।

 

इस पर भी कुछ प्रतिबन्ध हैं। मसलन किसी औरत को माहवारी के दौरान तलाक देना मना है (3473-3490)। भावी खलीफा उमर के बेटे अब्दुल्ला ने अपनी बीवी को उस वक्त तलाक दे दिया, जब वह माहवारी में थी। जब उमर ने मुहम्मद से इसका जिक्र किया तो उन्होंने हुक्म दिया-”इसको (अब्दुल्ला को) उसे वापस ले लेना चाहिए और जब वह शुद्ध हो जाये, तब वह उसे तलाक दे सकता है“ (3485)।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *