ओ देव दयानंद, देख लिया तेरे कारण,
ओ देव दयानंद, देख लिया तेरे कारण,
जन जन को….हम सब को मिला है ये नव जीवन,
तुझे है सौ सौ वंदन, करें तेरा अभिनन्दन…
छुआ छूत तुने जड़ से उखाड़ा,
बगिया मैं नए फूल खिले तेरे कारण,
जन जन को….हम सब को मिला है ये नव जीवन,
तुझे है सौ सौ वंदन, करें तेरा अभिनन्दन…
बहुत भाइयों से भाई बिछड़ चुके थे,
बरसों बाद फिर आये मिले तेरे कारण,
जन जन को…. हम सब को मिला है ये नव जीवन,
तुझे है सौ सौ वंदन, करें तेरा अभिनन्दन…!!