वैसे पता तो चलता है, लेकिन वो उस पर ध्यान नहीं देते। जब कोई आदमी बुरी योजना बनाता है, तो उसे अंदर से भय, शंका होती है। सबको होती है, सबको पता चलता हैं। उदाहरण के लिये यहां तक कि कुछ पशुओं को भी पता चलता है। आपके घर में रोज कोई बिल्ली निश्चित समय पर आती है, रसोई के बाहर उसका एक बर्तन रखा हुआ है और आप दूध डाल देते हैं। वह दूध पीती है रोज ! एक दिन आपने दूध नहीं डाला। आप किसी काम में व्यस्त थे। और बिल्ली अपने टाइम पर आ गयी। उसने अपना बर्तन देखा, कि उसमें दूध नहीं है। तो आज बिल्ली सोचती है कि आज यहाँ दूध नहीं मिला, तो अंदर घुस के पिऊं। लेकिन जब वो अंदर घुसने लगती है, तो चार बार सोचती है, जाऊं या नहीं जाऊं। इधर देखती है उधर देखती है, और पता करती है, कि कोई आ तो नहीं जायेगा। उसको भी पता चल रहा है कि आज मैं लाइन क्रॉस कर रहीं हूं। आज गड़बड़ है, आज रेड लाइट एरिये में जा रही हूँ। आज मेरी पिटाई हो सकती है। जब बिल्ली जैसे प्राणी को भी पता चलता है, कुत्ते को भी पता चलता है। तो इंसान को पता क्यों नहीं चलेगा, उसकी बु(ि तो उनसे ज्यादा है। तो पता तो सबको चलता है। पर लोग उस पर ध्यान नहीं देते हैं। बुरे विचार करते समय, बुरे काम करते समय, भय, शंका, लज्जा होती है, पर ध्यान नहीं देते। और बुरा काम कर डालते हैं। फिर उनको दंड भोगना पड़ता है। और अच्छा काम करते हैं, तो आनंद, उत्साह भी मिलता है। वो भी सबको पता चलता है। जो लोग इस परमात्मा की शिक्षा पर ध्यान देते हैं, वो दुःख से छूट जाते हैं । वो सदा अच्छे काम करते हैं और सुखी रहते हैं।
स तो यह जो शिक्षा मिलती है कि मन में जो भय, शंका, लज्जा और आनंद, उत्साह पैदा होता है, यह जीवात्मा की नहीं, बल्कि परमेश्वर की ओर से है। यह सब उसको पता चलता है। मोटा-मोटा तो इससे पता चल जाता है। और अच्छी तरह गहराई से जानना हो, तो उसके लिए वेद पढ़ना चाहिए।
स महर्षि मनु कहते हैं-धर्म को जो अच्छी तरह से जानना चाहते हैं, उनके लिए सबसे ऊंचा ग्रंथ, सबबे ऊंचा प्रमाण वेद है। तो वेद पढ़ के हम पता लगा सकते हैं, कि क्या अच्छा और क्या बुरा है? इसके अतिरिक्त वेदानुकूल )षियों के द्वारा बनाये हुए ग्रन्थां = (दर्शन शास्त्रों, उपनिषदों, सत्यार्थ प्रकाश आदि( से भी अच्छे बुरे = (सत्यासत्य( का पता चलता है। और जिन शु( अन्तःकरण वाले विद्वानों ने उक्त वेद व )षिकृत ग्रन्थों को अच्छी तरह से पढ़ा, समझा और आचरण किया हो, उनसे भी हमें अच्छे बुरे का ज्ञान हो सकता है।