जीवात्मा शरीर छोड़ने के वक्त कहाँ जाता है? और शरीर छोड़ने के बाद उसकी स्थिति, पुर्नजन्म कैसे होता है?

जैसे ही आत्मा शरीर को छोड़ेगा, वैसे ही बेहोश हो जाएगा। उसको कोई होश नहीं, कोई शक्ति नहीं। अब आत्मा आगे नहीं चल सकता। जीवात्मा स्थूल शरीर के बिना कुछ नहीं कर सकता।
स शरीर छोड़ते ही ईश्वर उसको पकड़ लेगा। वह ईश्वर के नियंत्रण में आ जाएगा। अब ईश्वर उसको ले जाएगा।
ईश्वर उसके कर्मानुसार रूस में, जापान में, अमेरिका में जहाँ कहीं भी अगला जन्म देना होगा, अथवा भारत में ही कहीं अगला जन्म देना होगा, तो उसको वहाँ तक पहुँचाएगा। फिर वहाँ अगला जन्म देगा। उसके कर्मानुसार यह व्यवस्था रहती हैं।
स यह निश्चित है कि – आत्मा भूत-प्रेत बनके नहीं भटकेगा, किसी के शरीर में घुसकर उसको परेशान नहीं करेगा, यह पक्की बात है। यह शास्त्रों में लिखा है।
स अंतिम-संस्कार जिसको अंत्येष्टि कहते हैं। यह सोलह संस्कारों में अन्तिम है। ये शब्द ही कह रहा है कि अंत्येष्टि हो गयी यानि कि बात खत्म हो गयी। अंत्येष्टि के बाद मृतक के लिए हम कुछ नहीं कर सकते। आत्मा तो दूसरे जन्म में गया और उसका शरीर भी खत्म हो गया, सारे रिश्ते खत्म हो गये। फिर चौथा करो, दसवाँ करो, बारहवाँ करो, तेरहवाँ करो। वो जो बचे हुए जीवित लोग हैं, वो अपने लिए करते हैं, मृतक के फायदे के लिए नहीं।

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