आज वैज्ञानिकों ने जो ‘क्लोन’ बनाया है, क्या वो वैदिक-सि(ांत के अनुकूल है?

अनुकूल नहीं है। क्लोन बनाऐंगे, डुप्लीकेट कॉपी हो जाएगी। डुप्लीकेट कॉपी होगी, तो झंझट हो जाएगा। चोरी कोई करेगा, और जेल में कोई दूसरा जाएगा। घोटाला कोई और करेगा, पकड़ा कोई और जाएगा। इसलिए यह क्लोन बनाना ठीक नहीं है।
स जुड़वां बच्चों (ट्विन्स( में शक्ल उतनी नहीं मिलती, जितनी क्लोन्स में मिलती है। ऐसे बहुत एक्सेप्शनल केसेस = (अपवाद( होंगे। दो भाई बिल्कुल एक जैसे शक्ल के हों, करोड़ों-अरबों में एक-आध केस = (घटना( ऐसा हो सकता है।
स और क्लोनिंग करके तो यहॉे हजारों गड़बड़ खड़े कर दिए जाएंगे। परीक्षा देने कोई और आएगा, नौकरी किसी और को मिलेगी। जो बेवकूफ होगा, वो परीक्षा देने नहीं जाएगा, उसकी जगह जो पढ़ा-लिखा बु(िमान होगा, उसको भेज देंगे। ऐसी बहुत सारी गड़बड़ियाँ होंगी। इसलिए क्लोनिंग करना ठीक नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *