हदीस : शारीरिक ऊष्मा का संरक्षण

शारीरिक ऊष्मा का संरक्षण

यदि नहाते वक्त शरीर की गर्मी ज्यादा घट जाती थी तो बीवी का आलिंगन करके उसे फिर से पाया जा सकता था। तिरमिज़ी द्वारा उद्धृत एक हदीस के मुताबिक, आयशा बतलाती हैं-”ऐसा कई बार होता था कि अल्लाह के पैगम्बर शुद्धि-स्नान के बाद, गर्म होने के इरादे से मेरे पास आते थे और मैं बिना नहाई (और इसलिए अशुद्ध दशा में) होती तब भी मैं उन्हें अपने साथ लपेट लेती थी“ (किताब 1, हदीस 108)।

 

ये सभी कायदे-कानून बनाने के बावजूद मुहम्मद उनसे बंधे नहीं थे। पैगम्बरी का विशेषाधिकार उनके पास था। इस मामले में अली को उन्होंने साझीदार बना रखा था। अबू सईद के अनुसार मुहम्मद ने अली से कहा-”ऐ अली ! यौनाचार से उत्पन्न अपवित्रता की दशा में मस्जिद में जाना, मेरे और तुम्हारे सिवाय, और किसी के लिए विधिसम्मत नहीं है“ (तिरमिज़ी, किताब 2, हदीस 1584)।

author : ram swarup

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *