कारण क्या थे?ः- जोधपुर के कर्नल प्रतापसिंह के एक सुपरिचित व प्रशंसक उच्च शिक्षित व्यक्ति ने एक प्रश्न उठाया है। हमारीाी उत्कृष्ट इच्छा है कि कोई इतिहास प्रेमी विद्वान् विचारक उनके प्रश्न का सन्तोषजनक उत्तर दे। महर्षि दयानन्द जी महाराज को जोधपुर में विषय दिया गया। विष देने के षड्यन्त्र में कौन-कौन समिलित था, इस प्रश्न को आप एक बार छोड़ दीजिये। उपरोक्त विद्वान् का प्रश्न बड़ा गभीर व महत्त्वपूर्ण है। जब ऋषि को विष दिया गया तब कर्नल प्रतापसिंह महर्षि का पता करने क्यों न आया?
आया तोकितने दिन के पश्चात् व कब आया? उसकी क्या विवशता थी जो महाराज का पता क रने न आ सका?
इसके साथ हम एक प्रश्न और जोड़ देते हैं। महर्षि को उसी अवस्था में छोड़कर प्रतापसिंह जुआ खेलने पूना क्यों चला गया। प्रतापसिंह के प्रशंसक भक्त इस प्रश्न को पढ़ सुनकर चौंक जाते हैं। वे कहते हैं वह तो पोलेा खेलने गया था। लोगों को मूर्ख बनाने के लिये आप चाहे पोलो कहो, था तो जूआ ही। जूआ तो क्रि केट व ताश पर भी खेला जाता है। रैफल क्या जूआ नहीं? लाटरी क्या है?
उसके वकील प्रताप सिंह की बढ़ाई करते हुए उसकी पूना यात्रा का वर्णन तक नहीं करते। इसका क्या कारण है? आशा है कि सत्यान्वेषी सज्जन प्रतापसिंह का गुणकीर्तन करने वाले वकीलों से इस प्रश्न का उत्तर लेकर रहेंगे। जिस विद्वान् सज्जन ने यह प्रश्न उठाया है उसका नाम हम आगे कभी बतायेंगे। था वह भी प्रतापसिंह प्रशंसक।