(स्त्रीधनं षड्विधं स्मृतम्) स्त्रीधन छह प्रकार का माना गया है— 1. (अघ्यग्नि) विवाह संस्कार के समय दिया गया धन, 2. (अध्यावाहनिकम्) पति के घर लायी जाती हुई कन्या को प्राप्त हुआ पिता के घर का धन 3. (प्रीतिकर्मणि च दत्तम्) प्रसन्नता के किसी अवसर पर पति आदि के द्वारा दिया गया धन, (भ्रातृ-पितृ-मातृ-प्राप्तम) 4. भाई से प्राप्त धन. 5. पिता से प्राप्त धन , 6. माता से प्राप्त धन ।