Adhyay : 8 Mantra : 420 Back to listings एवं सर्वानिमान्राजा व्यवहारान्समापयन् । व्यपोह्य किल्बिषं सर्वं प्राप्नोति परमां गतिम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related