Adhyay : 8 Mantra : 413 Back to listings शूद्रं तु कारयेद्दास्यं क्रीतं अक्रीतं एव वा । दास्यायैव हि सृष्टोऽसौ ब्राह्मणस्य स्वयंभुवा Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related