. चोर को कन्धे पर मुसल अथवा खैर का दंड, दोनों ओर से तेज धारवाली बरछी अथवा लोहे का दंड ही रखकर (राजा के पास जाना चाहिए और कहे कि ‘मैं चोर हूं, मुझे दंड दीजिए’) ।
अनुशीलन – इस श्लोक का पूर्व श्लोक के साथ सम्बन्ध है । ऊपर के श्लोक में दी हुई व्यवस्था के साथ इस श्लोक में कहे हुए, विकल्पों में से चुनकर किसी एक व्यवस्था के अनुसार चोर को प्रायश्चित्त करना है ।