Adhyay : 7 Mantra : 38 Back to listings वृद्धांश्च नित्यं सेवेत विप्रान्वेदविदः शुचीन् । वृद्धसेवी हि सततं रक्षोभिरपि पूज्यते Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related