Adhyay : 5 Mantra : 78 Back to listings बाले देशान्तरस्थे च पृथक्पिण्डे च संस्थिते । सवासा जलं आप्लुत्य सद्य एव विशुध्यति । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related