Adhyay : 5 Mantra : 76 Back to listings अतिक्रान्ते दशाहे च त्रिरात्रं अशुचिर्भवेत् । संवत्सरे व्यतीते तु स्पृष्ट्वैवापो विशुध्यति । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related