Adhyay : 5 Mantra : 42 Back to listings एष्वर्थेषु पशून्हिंसन्वेदतत्त्वार्थविद्द्विजः । आत्मानं च पशुं चैव गमयत्युत्तमं गतिम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related