Adhyay : 4 Mantra : 168 Back to listings शोणितं यावतः पांसून्संगृह्णाति महीतलात् । तावतोऽब्दानमुत्रान्यैः शोणितोत्पादकोऽद्यते Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related