Adhyay : 4 Mantra : 118 Back to listings चोरैरुपद्रुते ग्रामे संभ्रमे चाग्निकारिते । आकालिकं अनध्यायं विद्यात्सर्वाद्भुतेषु च Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related