चोरैरुपद्रुते ग्रामे संभ्रमे चाग्निकारिते । आकालिकं अनध्यायं विद्यात्सर्वाद्भुतेषु च

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *