Adhyay : 3 Mantra : 35 Back to listings अद्भिरेव द्विजाग्र्याणां कन्यादानं विशिष्यते । इतरेषां तु वर्णानां इतरेतरकाम्यया । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related