वर की जाति वालों और कन्या को यथाशक्ति धन देके होम आदि विधि कर कन्या देना ‘आसुर विवाह’ कहाता है ।
(सं० वि० विवाह सं०)
अपनी इच्छा से अर्थात् वर या कन्या की प्रसन्नता और इच्छा का ध्यान न रखके………………..
वर की जाति वालों और कन्या को यथाशक्ति धन देके होम आदि विधि कर कन्या देना ‘आसुर विवाह’ कहाता है ।
(सं० वि० विवाह सं०)
अपनी इच्छा से अर्थात् वर या कन्या की प्रसन्नता और इच्छा का ध्यान न रखके………………..