Adhyay : 3 Mantra : 248 Back to listings सहपिण्डक्रियायां तु कृतायां अस्य धर्मतः । अनयैवावृता कार्यं पिण्डनिर्वपनं सुतैः । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related