न ब्राह्मणक्षत्रिययोरापद्यपि हि तिष्ठतोः । कस्मिंश्चिदपि वृत्तान्ते शूद्रा भार्योपदिश्यते ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *