सर्वे तस्यादृता धर्मा यस्यैते त्रय आदृताः । अनादृतास्तु यस्यैते सर्वास्तस्याफलाः क्रियाः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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