गुरू – सन्निधौ गुरू के समीप रहते हुए सर्वदा सदा हीन + अन्न + वस्त्र + वेषः स्यात् अन्न – भोज्यपदार्थ, वस्त्र और वेशभूषा गुरू से सामान्य रखे च और अस्य प्रथमम् उत्तिष्ठेत् इस गुरू से पहले जागे च तथा परमं संविशेत् बाद में सोये ।
गुरू – सन्निधौ गुरू के समीप रहते हुए सर्वदा सदा हीन + अन्न + वस्त्र + वेषः स्यात् अन्न – भोज्यपदार्थ, वस्त्र और वेशभूषा गुरू से सामान्य रखे च और अस्य प्रथमम् उत्तिष्ठेत् इस गुरू से पहले जागे च तथा परमं संविशेत् बाद में सोये ।