Adhyay : 12 Mantra : 76 Back to listings विविधाश्चैव संपीडाः काकोलूकैश्च भक्षणम् । करम्भवालुकातापान्कुम्भीपाकांश्च दारुणान् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related