व्रात्यता बान्धवत्यागो भृत्याध्यापनं एव च । भृत्या चाध्ययनादानं अपण्यानां च विक्रयः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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