Adhyay : 11 Mantra : 12 Back to listings यो वैश्यः स्याद्बहुपशुर्हीनक्रतुरसोमपः । कुटुम्बात्तस्य तद्द्रव्यं आहरेद्यज्ञसिद्धये । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related