माफ़ी और मुनाफ़ा
ज़कात से माफी देने की एक निचली मर्यादा-रेखा थी। ”खजूर या अनाज के पांच वस्कों (1 वस्क = लगभग 425 पौंड) तक, पांच से कम ऊंटों तक और 5 उकिया से कम चांदी तक (1 उकिया = लगभग 10 तोला या 1/4 पौंड) कोई सद़का (ज़कात) देय नहीं है“ (2134)। साथ ही, ”एक मुसलमान से उसके गुलाम या घोड़े पर कोई सद़का नहीं लिया जाता“ (2184)। जिहाद के लिए इस्तेमाल होने वाले घोड़ों पर कोई ज़कात नहीं थी। ”जिहाद में सवारी के काम आने वाला घोड़ा ज़कात के भुगतान से मुक्त होता है“ (टि0 1313)।
author : ram swarup