क्या संविधान से ऊपर है सुप्रीम कोर्ट,
माननीय सुप्रीम कोर्ट??
काहे का माननीय,
सुप्रीम कोर्ट की इतना साहस की वो हिन्दुओ एक धार्मिक मामलो में हस्तक्षेप करे
संविधान की धारा 25 और 25 ए साफ़ साफ कहती है की सभी धर्मो को अपनी अपनी मान्यताएं मानने का अधिकार है,
जैसे मुसलमान को मुहर्रम, सिख तो गुरु उत्सव, ईसाईयों को क्रिसमस का त्यौहार मनाने का अधिकार है वैसे ही हिन्दुओ को भी उनके अपने अधिकार मनाने का पूर्ण अधिकार है,
धारा 25 ए के अनुसार इन अधिकारों की रक्षा और इन्हें अमल में लाने का दायित्व न केवल राज्य वर्ण केंद्र सरकार का भी है पर सुप्रीम कोर्ट के मामले में राज्य के साथ केंद्र सरकार भी मुंह में दही जमा कर बैठी है,
आखिर सुप्रीम कोर्ट की इतनी हिम्मत कैसे हुई की वो संविधान से ऊपर जाकर देश के बहुसंख्यक समुदाय की आस्था परम्परा और संस्कृति पर कुठराघात करे,
अपनी हद में रहे सुप्रीम कोर्ट नहीं
वीर सनातनी अपने धर्म पर ये कुठराघात कदापि सहन नहीं करेगा,
सुप्रीम कोर्ट के इस असंवैधानिक फैसले का पूर्ण विरोध