करार
मुहम्मद ने करार को मान्यता दी। जब तक करार में कुछ और न लिखा हो तो ”फल देने के लिए तैयार पेड़ को खरीदने पर फल उस व्यक्ति के होते हैं जिसने (उस पेड़ को) बेचा है …… और किसी गुलाम को खरीदने पर, गुलाम की जायदाद पर उसका हक़ होगा जिसने (गुलाम को) बेचा है“ (3704)।
author : ram swarup