हदीस : जिस औरत से तुम शादी करना चाहते हो उस पर एक नज़र डालो

जिस औरत से तुम शादी करना चाहते हो उस पर एक नज़र डालो

जिस औरत से शादी की चाह हो उस पर ”सर से पांव तक“ एक नजर डालने की इज़ाज़त है। एक मोमिन मुहम्मद के पास आया और कहने लगा कि उसने एक अंसार औरत से शादी तय की है और दहेज चुकाने में उनकी मदद चाहता है। मुहम्मद ने पूछा-”क्यार तुमने उस पर एक नजर डाली है, क्योंकि अंसारों की आंखों में कुछ बात है ?“ उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “हां“। मुहम्मद ने पूछा, ”कितना दहेज देकर शादी की ?“ उस आदमी ने जवाब दिया, ”चार ऊकिया देकर।“ मुहम्मद बोले-”चार ऊकिया ? लगता है जैसे तुमने पहाड़ की बाजू से चांदी खोद निकाली है। (इसलिए तुम इतना ज्यादा दहेज देने को तैयार हो)। तुम्हें देने के लिए हमारे पास कुछ नहीं है। यही एक सम्भावना है कि हम तुम्हें एक चढ़ाई पर भेज दें, जहां तुम्हें लूट का माल मिल जावे।“ उस व्यक्ति को वनू अब्स के खिलाफ चढ़ाई पर भेज दिया (3315)।

 

किन्तु यह इजाजत वस्तुतः एक अन्य घटना के समय दी गयी थी। उमरा नाम की एक अरब औरत, जाॅन नाम के व्यक्ति की बेटी थी। उस का ”चर्चा रसूल-अल्लाह के सामने किया गया।“ पैगम्बर उस समय तक अरब राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन चुके थे। इसलिए उन्होंने अबू उसैद नाम के अपने एक कर्मचारी को उस औरत के पास एक दूत भेजने का आदेश दिया। वह औरत लायी गयी और वह “वनू साइदा के किले में ठहरी।“ अल्लाह के रसूल बाहर गए और फिर भीतर जाकर उन्होंने उससे ”विवाह का प्रस्ताव“ किया। वह ”अपना सर नीचे झुकाये बैठी थी।“ दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुहम्मद ने उससे बातचीत की। वह बोली-”मैं तुमने बचने के लिए अल्लाह की शरण लेती हूं।“ तब तक पैगम्बर खुद एक फैसला कर चुके थे। उन्होंने उससे कहा-”मैंने तुम्हें अपने से दूर रखने का फैसला किया है।“ इसके बाद मुहम्मद अपने मेजवान के साथ जा बैठे और उससे बोले, “सह्ल ! हमें कुछ पिलाओ“ (4981)।

 

इस हदीस में ही शादी के लिए चुनी गई किसी औरत पर एक नजर डालने की इज़ाज़त की गयी है (टि0 2424)।

author :  ram swarup

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