गैर मुस्लिमों पर हमले
अज़ान एक बड़ा संकेत भी बन गई। जहां वह सुनाई पड़ती थी वहां के विषय में समझ लिया जाता था कि वहां केवल कुफ्र ही नहीं है। ”अल्लाह के रसूल पौ फटने के समय दुश्मन पर हमला करते थे। वे यदि उस ओर से अज़ान सुनते थे, तो रूक जाते थे“ (745)। भाष्यकार इसे मुहम्म्द का महान गुण बतलाते हैं। ”पाक पैगम्बर ने युद्ध की प्रणाली में जो महानतम योगदान दिया, वह यह है कि उन्होंने इसे अंधाधुंध वध या हत्या के स्तर से उठा कर, समाज में बुराई का उन्मूलन करने के लिए, मानवीकृत संघर्ष के स्तर तक पहुंचा दिया। इसीलिए पाक पैगम्बर अपने साथियों को यह अनुमति नहीं देते थे कि दुश्मनों पर रात के अंधेरे में उनकी असावधानी की दशा में टूट पड़ा जाय“ (टि0 600)।
author : ram swarup