फितरा –
फितरा – शब्दशः अर्थ ’प्रकृति‘। किन्तु इसकी व्याख्या यह की गई है कि यह पहले के पैगम्बरों के दस्तूर हैं, जिनमें मिसवाक (दंतखोदनी) का इस्तेमाल, पानी से नाक और मुंह की सफाई (इस्तिशांक) और मल-मूत्र विसर्जन के उपरान्त, पानी या सूखी मिट्टी या पत्थर के टुकड़े से किया जाने वाला अपमार्जन (इस्तिंजा) जैसे कर्म शामिल है।
author : ram swarup