मुहूर्तवादियों से कुछ प्रश्न
१. मुहूर्त क्या है और उसका क्या अर्थ है ?
२. मुहूर्त का प्रारम्भ कब से हुआ और क्यों ? उसका प्राचीनतम ग्रन्थ कौन सा है ?
३. मुहूर्त शुभाशुभ किस रूप में है , उपपत्ति वा प्रमाणपूर्वक बताइये ?
४. क्या मुहूर्तों के शुभाशुभ होने में चार वेद, ६ शाश्त्र, और दस उपनिषदों में कहीं कोई प्रमाण है ? हो तो बताइये।
५. ऐसा कोई मुहूर्त का ग्रन्थ है जिसकी आद्योपान्त प्रत्येक बात की सिद्धि करके बतला सकें अर्थात जिसकी सोपपतिक व्याख्या हो ?
६. विना किसी कार्य के शुभमुहूर्त लाभ और अशुभ मुहूर्त हानि पहुंचा सकता है अथवा नहीं ? किस प्रकार ?
७ यदि मुहूर्त अच्छे होते हैं तो स्वयं फलितज्ञा अच्छे मुहूर्त में मालामाल क्यूँ नहीं होते ? बेचारे भोले लोगों को मुहूर्त के नाम से बहकाकर क्यूँ लुटते और अच्छे मुहूर्त में कर्म करके सफल क्यूँ नहीं होते ? अशुभ मुहूर्त में करके घाटा क्यूँ उठाते ?
८ फलित को मानने वाले मरणासन्न स्तिथि में अच्छे से अच्छे मुहूर्त में स्वयं प्राणांत करके उच्च व परमगति को क्यों नहीं प्राप्त होते ?
९. मुहूर्त शुभाशुभ हैं अथवा शुभाशुभ के सूचक हैं ? यदी शुभशभ हें तो वे व्यापक होने से शुभ में सब का शुभ और अशुभ में अशुभ होना चाहिए ?
यदि सूचक मात्र हैं तो मुहूर्त हो अथवा न हो तो भी शुभाशुभ होकर रहेगा।
१०. शुभ मुहूर्त में एक के घर में विवाह हो रहा है तो उसके पड़ोसी के घर में उसी मुहूर्त में चोरी क्यूँ होती है ?
११. मुहूर्त बड़ा है अथवा सत्कर्म बड़ा ? सप्रमाण बतलाइये कि वा आपेक्षिप हैं अथवा इन दोनों का समवाय सम्बन्ध है.
१२ शुभकर्म अपने में निरपेक्ष अथवा सापेक्ष ?
१३ यदि कोई सदा शुभ कर्म ही करता जाय और मुहूर्त को देखे ही नहीं तो उसको सुख मिलेगा वा दुःख ? यदि सुख मिलता है तो मुहूर्त की कोई आवश्यकता नहीं है. यदि दुःख मिलता है तो मुहूर्त जब मनुष्य का बनाया नहीं तो दुःख क्यूँ मिला।
१४ कर्म सिद्धांत सत्य है अथवा मुहूर्तवाद सत्य है ? क्योंकि एक विषय में परस्पर विरुद्ध दोनों सत्य नहीं हो सकती
१५ अशुभमुहूर्त में किया हुआ शुभ कार्य सफल होता है वा नहीं ? और क्यों
१६ शुभमुहूर्त में किया हुआ अशुभकार्य सफल होता है व नहीं ? और क्यों ?
१७ भोजन करने के लिए भूख को देखना चाहिए व मुहूर्त को ?
१८ सर्प ने काट खाया हो तब औषधि के लिए मुहूर्त देखे अथवा मुहूर्त को ठुकराकर औषधि का प्रबंध करें ? क्यों ? दुर्मुहुर्त में ली हुयी औषधि क्या हानिकारक नहीं होगी ?यदी मारक नहीं होगी , हानि नहीं पहुंचेगी तो दुर्मुहुर्त में किये अन्य कार्यों में क्या हानि होगी
१९ यात्रा पर जाना है. जब यान है तब शुभ मुहूर्त नहीं, जब शुभ मुहूर्त है तब यान नहीं है. यान को छोड़ें वा मुहूर्त को
२० क्या आत्मविश्वासी को मुहूर्त देखना चाहिए ? मुहूर्त को देखने वाला क्या आत्मविश्वासी हो सकता है ?सप्रमाण बताइये
२१. परमात्मा ने अशुभ मुहूर्त बनाये ही क्यों? परमात्मा ने ही यह बतलाया कि कुआँ मुहूर्त शुभ और कौन अशुभ अथवा यह आप का ही अनुसंधान है ? सप्रमाण बताइये।
२२ कर्म सिद्धांत का तथा मुहूर्त का सामंजस्य क्या है ? जब दोनों में विरोध हो तो किसको छोड़ और किसको अपनावें ? मुहूर्त को देखें वास कर्म को और कसी प्रकार ?
२३ किसी दार्शनिक वा विचारक ने इसको माना हो अथवा प्राचीनकाल में कहीं यह व्यवहार में रहा हो तो घटना पूर्वक बतलाइये?
२४ मुहूर्तों की चिंता में रहने वाला क्या कभी क्या तत्ववेत्ता और पुरुषार्थी बनेगा
२५ मुहूर्तों के पीछे चलने से जो हानी होती है उसका कौन उत्तरदायी है ?