All posts by Deepak Jha

अंधविश्वास की कथा

एक विधवा बहू ने अपनी सास को बताया कि वह तीन माह के गर्भ से है. परिवार में हंगामा मच गया, समाज में भूचाल आ गया, लोगों ने पंचायत जुटाई और उस बहू से बच्चे के बाप का नाम जानना चाहा, भरी पंचायत में बहु ने बताया कि तीन माह पूर्व मैं प्रयाग राज त्रिवेणी संगम स्नान करने गई थी, स्नान के समय मैंने गंगा का आहवान करते हुए तीन बार गंगा जल पिया था, हो सकता है उसी समय किसी ऋषि महात्मा,महापुरुष का गंगा में धातु स्खलन हो गया और वो आहवान के साथ मैं पी गयी, उसी से मैं गर्भवती हो गई| सरपंच जी ने कहा- ” यह असंभव है, ऐसा कभी हो नहीं सकता कि धातु किसी के मुंह से पी लेने से कोई गर्भवती हो जाय|”

उस महिला ने सरपंच को जवाब दिया और कहा- “हमारे धर्म ग्रंथों में यही बात तो दिखाई गई है कि विभँडक ऋषि के वीर्य स्खलन हो जाने से श्रृंगी ऋषि पैदा हुए, हनुमान जी का पसीना मछली ने पी लिया तो वह गर्भवती हुई और मकरध्वज पैदा हुए,सूर्य के आशीर्वाद से कुंती गर्भवती हो गई और कर्ण पैदा हुए,मछली के पेट से सत्यवती पैदा हुई, खीर खाने से राजा दशरथ के तीनों रानियां गर्भवती हई और चार पुत्र पैदा हो गये,जमीन के अंदर गड़े हुए घडे से सीता पैदा हुई, ये सारी बातें संभव है, किऩ्तु मेरी बात असंभव है? वैसे मैं बताना चाहती हूं कि मैं गर्भवती नहीं हूं,मैंने यह नाटक इसलिए किया था कि इस पाखंडी समाज कीऑख खुल जाय,आप लोग ऐसे पुराणो की कथाओ को आग लगा दीजिये|”

अंधविश्वास #पाखंड_खण्डन