असहिष्णुता के ठंडे पड़ चुके मुद्दे को हवा देने के लिए “आमिर हुसैन खान” आगे आये है
इनका कहना है की देश के माहौल को देखकर मेरी पत्नी बच्चों की चिंता करते हुए देश छोड़ने की बात कहने लगी थी
मौलाना आजाद आमिर के पूर्वजों में आते है ये वही मौलाना है जिन्होंने देश के साथ गद्दारी के लिए जिन्ना जैसों का साथ दिया था
सांप हमेशा सपौले को ही जन्म देता है इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है, तो जब मौलाना इस स्तर के थे तो उनका वंश कैसा होगा यह कहने की आवश्यकता नहीं है,
आमिर हुसैन खान को इस देश में 50 सालों तक असहिष्णुता नहीं दिखी
इन्हें कश्मीरी पंडितों की हत्या हो या पाकिस्तानी हिन्दुओं की दशा, असम में हो रहे दंगे हो या केरल में हो रही हिन्दुओं की निर्मम हत्या या मुंबई बम धमाके, इन्हें तब तक देश की असहिष्णुता नहीं दिखी परन्तु जब क्रिया की प्रतिक्रिया हुई इन्हें देश असहिष्णु लगने लगा
सत्यमेव जयते में छप्पर फाड़ती T.R.P. और 300 करोड़ रुपयों की बरसात करवाती pk जैसी फिल्मों पर अफ़सोस है की प्रतिक्रिया नहीं हुई अन्यथा वास्तविक असहिष्णुता के दर्शन तो तुम्हे पहले ही हो चुके होते
भारत में रहने वाले बहुसंख्यकों का तुम मजाक उड़ाते हो, और वही बहुसंख्यक मूर्खों की तरह तुम पैसे उड़ाते है क्या यही तुम्हे असहिष्णुता लगती है ?
“मियाँ आमिर हुसैन खान” तुम अपनी यह मजाक उड़ाने वाली करतूत (ईशनिंदा) यदि किसी इस्लामिक देश में कर चुके होते तो विशवास मानिए आपकी बोटियाँ गिद्ध चबा रहे होते
अपने भाई की जायदाद हडपने के लिए जो व्यक्ति भाई को ही पागल घोषित करने पर आमादा हो जाए
जो हिन्दू लड़की को अपने झांसे में लेकर फिर उसे तलाक देकर बेसहारा छोड़ दे
जो सत्यमेव जयते में लोगों को करोड़ों रूपये लेकर शिष्टता का पाठ पढ़ाकर खुद हिन्दू बाप की संतान को मुसलमान बनाता है वो व्यक्ति यह कहे की उसे भारत असहिष्णु लगने लगा है
यह शौभा नहीं देता है
असहिष्णुता देखनी है तो जाओ किसी इस्लामिक राष्ट्र में तुम्हे उसके दर्शन करने में दो दिन भी नहीं लगेंगे
तुम भारत को असहिष्णु कहते हो उस भारत को जिसमें एक अल्पसंख्यकों का नेता बहुसंख्यकों के आदर्शों को भरी सभा में गालियाँ देता है फिर भी जिन्दा घूम रहा है
जिस भारत में एक अल्पसंख्यक बहुसंख्यकों को मारने की बात करता है फिर भी खुले आम घूम रहा है उस देश को असहिष्णु कहते हो
जिस देश में सन्नी लिओने जैसी वैश्याए भी सुरक्षित है उस देश को तुम असहिष्णु कहते हो
ऐसा है मियाँ तो तुम निकल ही लो क्यूंकि हमारी सहिष्णुता अब समाप्ति के दौर से गुजर रही है यदि यह देश सही मायनों में असहिष्णु हो गया तो तुम जैसे नाचने वालों का हश्र बहुत बुरा होगा
तुम्हारी पत्नी से कहना की अभी तक तो तुम सहिष्णु माहौल में जी रही थी परन्तु अब मेने एक शो में जाकर ऐसा रोंग नम्बर घुमाया है की सही असहिष्णु माहौल तुम्हे देखने को मिलेगा
तुम्हारे उलटे दिन अब आ गये है
जिस नौटंकी के बल पर तुमने यह शौहरत कमाई है अब हम भारतीय उसे मिटटी में दबा देंगे
मेरा निवेदन
आमिर खान की आने वाली सभी फिल्मों और अभी हालिया रिलीज होने वाली फिल्म “दंगल” का बहिष्कार किया जाए
इसके द्वारा जिन वस्तुओं का विज्ञापन किया जाता है उन सभी का बहिष्कार किया जाए
क्यूंकि आर्थिक बहिष्कार ही सबसे बड़ा हथियार है
और यकीन मानिए आमिर खुद आपके इस विरोध को समर्थन देता है क्यूंकि:-
आमिर कहता है की में हर उस विरोध को समर्थन देता हूँ जो अहिंसक हो और आर्थिक बहिष्कार किसी तरह से हिंसक नहीं हो सकता
तो बंधुओं प्रण लो की इस असहिष्णु आमिर हुसैन खान का आर्थिक बहिष्कार आज से ही शुरू कर दोगे