अन्य असमर्थताएं
आजाद हो जाने पर भी गुलाम अनेक असमर्थताओं का शिकार रहता है। वह किसी नए पक्ष के साथ मैत्री नहीं कर सकता। न ही वह भूतपूर्व स्वामी की अनुमति पाए बिना किसी पक्ष को मैत्री का प्रस्ताव पठा सकता है। ”जो कोई किसी गुलाम से उसके पहले के मालिक की स्वीकृति के बिना मैत्री करता है उस पर अल्लाह की और उसके फ़रिश्तों की और पूरी मानवजाति की ओर से लानत है“ (3600)।
author : ram swarup
हदीस किसकी यह भी नही बताया लेकिन में गुलामी पर व्यापक हदीसे अगर समय मिला तो यहां पेश करूंगी
मोहतरमा शुरू से पढ़े होते तो मालुम होता की सहीह मुस्लिम हदीस से रोज लेख डाले जा रहे हैं |
नमस्ते जी ।।
वह कौन सी हदीस है जिसमे पाप क्षमा होने का वर्णन है ।
उसका पता दीजिए ।
इन्तजार करे सभी पर हमारे लेख आ रहे है | थोडा समय लगेगा | रोज हमारा हदीस पर लेख पढ़े आपको जानकारी मिल जाएगी | धन्यवाद |
जी धन्यवाद आपका