अनुचित कमाई
मुहम्मद ने ”कुत्तों की कीमत लेना, वेश्या की कमाई खाना और काहीन (सगुनिया) को दी गयी मिठाइयाँ स्वीकार करना भी हराम ठहराया है“ (3803)। उन्होंने कहा कि ”सबसे बुरी कमाई है वेश्या की कमाई, कुत्ते की कीमत और सींगी लगाने वाले की कमाई“ (3805)।
मुहम्मद को कुत्ते सख़्त नापसन्द थे। उन्होंने कहा-”इस काले स्याह (कुत्ते) को जिसके दो धब्बे (आंखों पर) है, मारना तुम्हारा फ़र्ज है। क्योंकि यह एक शैतान है“ (3813)। उमर का बेटा अब्दुल्ला हमें बतलाता है कि पैग़म्बर ने ”कुत्तों को मारने का हुक्म दिया और उन्होंने मदीना के कोने-कोने में लोगों को भेजा कि वे (कुत्ते) मारे जाएं …… और हमने ऐसा कोई कुत्ता नहीं छोड़ा जिसे मार न डाला गया हो“ (3810-3811)। बाद में फरियाद सुन कर, उन्होंने शिकारी कुत्तों और पशुओं के झुंड की रखवाली करने वाले कुत्तों को बख़्श दिया। इन कुत्तों के अलावा अगर कोई कुत्ता रखता था तो वह “अपने इनाम (परलोक में मिलने वाले पुण्यकाल) का दो किरात (एक माप का नाम) हर रोज़ खो देता था“ (3823)।
मुहम्मद ने शराब, मुर्दे, सूअर और बुतों का बेचना भी हराम ठहराया। ”अल्ला जो उच्च है और महामहिम है, यहूदियों को बर्बाद करे। अल्लाह ने जब उन्हें मुर्दे की चर्बी का इस्तेमाल मना किया (देखिए लेवाइटीकस, 3/17) तो उन्होंने उसे पिघलाया और तब बेचा और उसकी क़ीमत काम में ली“ (3830)।
author : ram swarup