अदला-बदली अमान्य
कुछ मामलों में पैग़म्बर आधुनिक आदमी थे। उन्होंने अदला-बदली की प्रथा का निषेध किया और उसकी जगह मुद्रा-विनिमय का पक्ष लिया। ख़ैबर में राजस्व की वसूली करने वाला एक बार मुहम्मद के लिए कुछ बढ़िया खजूर लाया। मुहम्मद ने उनसे पूछा कि क्या ख़ैबर के सब खजूर इतने उम्दा क़िस्म के हैं ? अफ़्सर बोला-“नहीं, हमने दो सा (घटिया खजूर) के एवज में एक सा (बढ़िया खजूर) लिये।“ मुहम्मद ने इसे नामंजूर करते हुए जवाब दिया-“ऐसा मत करो। बेहतर है कि घटिया किस्म के खजूर को दरहमों (नगदी) में बेच दो और तब बढ़िया किस्म को दरहमों के जरिये खरीद लो“ (3870)।
author : ram swarup