. क्या वर्तमान में अपने देश भारत या अन्यत्र कहीं भी पृथ्वी पर अध्ययन-अध्यापन की ऐसी व्यवस्था है, जहाँ पर चारों वेदों का ज्ञान कराया जाता हो। यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ पर ऐसी व्यवस्था है। 4. आर्य समाज के धुंआधार प्रचार से और वेदों का डंका पीटने या बजाने से पौराणिक भी जाग्रत हो गए, तो अब आर्य सामाज के कितने केन्द्र चारों वेद पढ़ा रहे हैं और पौराणिकों के कितने केन्द्र हैं।

) वर्तमान में अपने देश व अन्यत्र चारों वेद पढ़ाने की व्यवस्था है या नहीं इस विषय में मैं नहीं जानता हाँ वर्तमान में आर्य समाज के वरिष्ठ विद्वान् आचार्य श्री सत्यानन्द वेदवागीश चारों वेदों को पढ़ाने का सामर्थ्य रखते हैं। उनसे एक युवा विद्वान् आचार्य सनतकुमार जी ने चारों वेद पढ़े हैं और वे अन्य को पढ़ाने का प्रयास करते हैं। किसी गुरुकुल संस्था आदि की जानकारी मुझे नहीं है। वेद कण्ठस्थ कराने वाली संस्थाएँ तो हैं जो कि प्रायः पौराणिकों की हैं। आपके बिन्दु 4 (घ) का उत्तर भी इसी में आ गया है।