महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने अन्त समय में यह किस आशय से पूछा था कि ‘आज कौन-सा पक्ष, क्या तिथि और क्या वार है?’ अन्यत्र संस्कार विधि में भी तिथि व नक्षत्रादि का उल्लेख मिलता है। हमने एक वैद्य से सुना है कि ‘वैद्यक शास्त्रों’ में लिखा है कि औषिधियों का प्रभाव तिथि, नक्षत्र, पक्ष तथा उत्तरायण व दक्षिणायन में अलग-अलग पड़ता है?

महर्षि दयानन्द ने अन्त समय में जो तिथि वार आदि पूछे, वे सामान्यरूप से पूछे गये प्रतीत होते हैं। इसमें कोई बड़ा रहस्य हो ऐसा लग नहीं रहा। कई बार हम श्रद्धावशात् सामान्य को भी विशेष रूप में देखने का प्रयास करने लगते हैं और इस हमारे प्रयास में कहीं न कहीं पौराणिकता आ जाती है।

हाँ आपने जो औषधियों पर प्रभाव की बात कही वह तो सकती है, होती होगी।